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Monday, 28 January 2019

वर्षों से चली आ रही परंपरा को पीएम मोदी ने तोड़ा, ढूंढ के निकाले अनमोल हीरे, दिया इतना बड़ा सम्मान, चायवाले से मिलने पहुंचे थे

नई दिल्ली : पिछली सरकारों में पद्म श्री जैसा सम्मान एक मुश्त में सिर्फ कुछ निश्चित श्रेणी के लोगों को मिला करता था, कलाकार, फ़िल्मी सितारे विद्या बालन, सैफ अली खान लेकिन मोदी सरकार ने इसमें बहुत बड़ा बदलाव लाया है. इस बार ऐसे लोगों को पद्म श्री पुरुस्कार दिया गया जो खुद भी सोच नहीं सकते थे उन्हें कभी कोई सम्मान दे भी सकता है.



ये लोग गरीबी को अपनी कमज़ोरी नहीं बल्कि उसी गरीबी को अपनी ताक़त बना कर एक इतिहास लिख रहे हैं. ऐसे छुपे हुए अनमोल हीरों को पीएम मोदी ने ढूंढ निकाला है.आप यकीन नहीं करेंगे इस बार पद्म श्री सम्मान एक चायवाले को मिला है.
अभी मिल रही मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले देश के महत्वपूर्ण नागरिक सम्मानों ‘पद्म पुरस्कारों’ की घोषणा की गई। तीन हस्तियों को भारत रत्न, चार हस्तियों को पद्म विभूषण, 14 को पद्म भूषण और 94 को पद्मश्री देने का ऐलान हुआ। केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के आने के बाद से पद्मश्री पुरस्कार पाने वालों में बहुत सामान्य लोग शामिल रहे हैं.
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पद्मश्री पाने वालों में एक ऐसे व्यक्ति का नाम है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन अपनी जिंदगी में वह जो काम कर रहे हैं, जो किसी मिसाल से कम नहीं है.
ये हैं ओडिशा के कटक के रहने वाले डी प्रकाश राव. डी प्रकाश पिछले 67 सालों से चाय बेचने का काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें चाय बेचकर जो पैसा मिलता है, उसका बड़ा हिस्सा समाज सेवा में लगा देते हैं, जिसके चलते कटक और आस-पास के इलाकों के लोग उनका काफी सम्मान करते हैं.
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वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डी प्रकाश राव के काम से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनसे मुलाकात भी की. 30 मई 2018 को पीएम मोदी ने मन की बात में डी प्रकाश के बारे में बताते हुए कहा कि ‘मुझे आज ओडिशा स्थित कटक के एक चाय बेचने वाले डी प्रकाश राव से मुलाकात का मौका मिला. वह पिछले 5 दशक से चाय बेच रहे हैं, लेकिन वह जो काम कर रहे हैं उसके बारे में जानकर आप सभी हैरान रह जाएंगे. वह ऐसे 70 से भी अधिक बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं, जो खराब आर्थिक स्थिति के चलते स्कूल नहीं जा पाते. यही नहीं, उन्होंने अपनी झुग्गी में ही आशा आश्वासन खोला है, जिसमें वह ऐसे लोगों को सहारा दे रहे हैं, जिनके पास अपना घर नहीं है.’
बता दें प्रकाश राव पिछले 67 सालों से चाय बेच रहे हैं और अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा गरीब बच्चों को पढ़ाने में लगा देते हैं. राव एक स्कूल भी चलाते हैं, जहां जाकर वह झुग्गी के बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं और स्कूल के बाद वह रोज अस्पताल जाते हैं, जहां वह अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों की सेवा करते हैं और गर्म पानी पहुंचाते हैं. बता दें यह डी प्रकाश राव का नियमित काम है. इसके अलावा वह जरूरत पड़ने पड़ रक्तदान भी करते हैं. वहीं कभी स्कूल न जाने के बाद भी वह हिंदी और इंग्लिश काफी अच्छे से बोल लेते हैं, जिसके कारण वह बच्चों को भी अच्छे से पढ़ा पाते हैं. यही कारण है कि आज उनका नाम ऐसी हस्तियों में शामिल है, जिन्हें देश के महत्वपूर्ण पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है.


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