नई दिल्ली : पिछली सरकारों में जहाँ पद्म श्री जैसे सम्मान फ़िल्मी सितारों और लुटियन जोन के लोगों में बाँट दिए जाते थे लेकिन मोदी सरकार ने इस परम्परा का अंत किया और देश के कोने कोने में छुपे हुए अनमोल रत्न को खोज निकाला. ऐसे ही एक अनमोल रत्न ये राजस्थान के आम किसान को पद्मश्री सम्मान दिया गया.
अभी मिल रही मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार जिन्हे कोई नहीं पूछता था अब मोदी सरकार में उस किसान को पद्म श्री सामान दिया गया है. गणतंत्र दिवस पर सबसे बड़े पुरस्कारों में एक पद्म पुरस्कारों की घोषणा हो गई है. इनमें राजस्थान के दो प्रगतिशील किसानों को भी पद्मश्री पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है. इनमें सीकर जिले के जगदीश प्रसाद पारीक और हुकुमचंद पाटीदार शामिल हैं.
जगदीश पारीक कहने को तो एक सामान्य किसान हैं परन्तु इन्होंने खेती में नए-नए प्रयोग कर किसान वैज्ञानिक का दर्जा प्राप्त कर लिया है. नियमित नवाचार तथा कीटनाशक मुक्त खेती की वजह से इन्होंने अपने साथ-साथ अपने क्षेत्र और देश का नाम रोशन किया है.
पारीक के खेत में 15 किलो वजनी गोभी का फूल, 12 किलो वजनी पत्ता गोभी, 7 फुट लंबी तोरई, 1 मीटर लंबा तथा 2 इंच मोटा बैंगन, 86 किलो वजनी कद्दू, 6 फुट लंबी घीया, 3 किलो से 5 किलो तक गोल बैंगन, 250 ग्राम का प्याज, साढ़े तीन फीट लंबी गाजर और एक पेड़ से 150 मिर्ची तक का उत्पादन हो चुका है। सबसे अधिक किस्में फूलगोभी में है तथा इन्होंने अभी तक 8 किलो से लेकर 25 किलो 150 ग्राम तक की फूलगोभी का उत्पादन कर लिया है.
ये बेहद ही सोचने वाला विषय है कि जो किसान पूरे देश का पेट भरता है आखिरकार वो किसान खुद भूखा रहकर आत्महत्या कैसे कर सकता है. किसान भाइयों को आज आधुनिक तकनीक और सही दिशा निर्देश की सख्त ज़रूरत है, इसके साथ ही बिचौलिए और दलालों के नेटवर्क को ख़त्म करने की ज़रूरत है. अगर इसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल पूरे देश के किसान करने लगें तो भविष्य में कभी किसी किसान को आत्महत्या नहीं करनी पड़ेगी.
आपमें से शायद बहुत कम लोग जानते हैं कि आज इन्ही की तरह राजस्थान के कई किसान जैविक खेती पर चल पड़े हैं और बहुत अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इसके पीछे वजह है बीजेपी सरकारकर. राजस्थान में बीजेपी सरकार ने कई दर्जन किसानों को इजराइल भेजा था जहाँ उन्हें आधुनिक तकनीक की खेती सिखाई गयी थी. जिसके बाद उनका जीवन ही बदल गया. उन्होंने अपने गांव में अन्य किसानों को भी ये आधुनिक तकनीक सिखाई है.
बता दें किसान पारीक ने स्वयं द्वारा निर्मित अजीतगढ़ सलेक्सन बीज से पैदा गोभी पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणव मुखर्जी तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित पूर्व राज्यपाल मागर्रेट अल्वा आदि को भेंट की है। अपने निरंतर प्रयोग तथा कार्यों के प्रोत्साहन स्वरुप इन्हें वर्ष 2000 में श्रृष्टि सम्मान तथा वर्ष 2001 में फर्स्ट नेशनल ग्रास रूट इनोवेशन अवार्ड मिल चुका है।
वर्ष 2001 में ही 15 किलो की गोभी उत्पादन के लिए इनका नाम लिम्का बुक में दर्ज हो चुका है। पारीक अब तक छह बार राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं तथा सबसे वजनी गोभी के फूल के विश्व रिकॉर्ड में दूसरे पायदान पर हैं। जगदीश प्रसाद विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए जैविक खेती से 25 किलो 150 ग्राम वजनी गोभी का एक फूल उत्पादित कर चुके हैं.
जगदीश प्रसाद ने गोभी उगाना शुरू किया तब गोभी का वजन लगभग आधा किलो से पौने एक किलो तक हुआ करता था। जगदीश प्रसाद गोभी का वजह बढ़ाने की दिशा में नवाचार करना शुरू किया। रासायनिक खाद या कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया बल्कि सिर्फ गोबर से बनी हुई जैविक खाद को अपनाया। इस जैविक खाद को भी पूर्णतया प्राकृतिक तरीके से केंचुओं द्वारा इन्होंने स्वयं ही तैयार किया था। फिर न केवल गोभी बल्कि अन्य सब्जियों में भी इस खाद ने कमाल कर दिखाया.
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