नई दिल्ली : कांग्रेस ने अपने दस सालों में खूब घोटाले किये हैं, और आज वही घोटाले खुल खुल के सामने आ रहे हैं. जब तक CBI में कांग्रेसी समर्थक घुसे हुए थे तब तक कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा था, मामले को लम्बा खींचा जा रहा था. लेकिन आज कांग्रेस के बड़े नेता और हरियाणा पूर्व मुख्यमंत्री के घर में घुस कर CBI ने बड़ी ताबड़तोड़ करवाई की है.
अभी मिल रही बहुत बड़ी खबर के मुताबिक सुबह सुबह कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर सीबीआई ने बड़ी छापेमारी करी है. सीबीआइ की टीम ने उनके शहर के डी-पार्क स्थित घर पर छापा मारा और जांच में जुट गई। घर में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद हैं। घर के अंदर न तो किसी को जाने दिया जा रहा है और न ही किसी को बाहर निकलने दिया जा रहा है. पूरे मकान को सील कर दिया है.
10 से ज़्यादा अलमारियों के ताले तोड़े
घर के एक एक दस्तावेज़ को खंगाला जा रहा है, 10 से ज़्यादा अलमारियों के ताले जब खोलने से मना किया गया तो सीबीआई ने जबरन ताले तुड़वाये. कांग्रेस सरकार में वाड्रा कंपनियों को ज़मीन आबंटन में बड़ी धांधलेबाजी हुई है. जिसमे पूर्व मुख्यमंत्री बेहद अहम् कड़ी हैं, एक बड़ा सबूत मिलते ही पूर्व मुख्यमंत्री और उसके बाद दामाद वाड्रा की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी.
छापे की इस कार्रवाई से शहर मेे सनसनी फैल गई। इसके अलावा दिल्ली व एनसीआर में 30 अन्य ठिकानों पर भी एक साथ छापे मारे जा रहे हैं. छापे की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और काफी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता हुड्डा के घर के बाहर पहुंच गए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं.
बता दें कि सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य के खिलाफ नए केस दर्ज किए हैं. ये केस 2004 से 2007 के बीच हुए जमीन आवंटन से जुड़े हैं. हरियाणा के पंचकूला में प्लॉट आवंटन मामले में बीते दिनों ही सीबीआई को चार्जशीट दाखिल करने की मंजूरी मिली थी.
हुड्डा पर आरोप था कि उनके राज में नेशनल हेराल्ड की सहयोगी कंपनी एजेएल को प्लॉट आवंटन किया गया था, हालांकि उसपर कोई काम शुरू नहीं हो पाया था. जिसपर सीबीआई ने केस दर्ज किया था. पंचकूला मामले के अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर गुड़गांव में जमीन आवंटन से जुड़ा एक मामला भी चल रहा है, जिसमें चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
जब हरयाणा में कांग्रेस सरकार थी तब जमकर ज़मीन आबंटन के नाम पर घोटाले किये गए थे. इसमें कांग्रेस का बहु चर्चित घोटाला ‘नेशनल हेराल्ड’ भी शामिल है. इसमें सोनिया दामाद वाड्रा की कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है. हरयाणा ही नहीं वाड्रा को कई अन्य राज्यों में बह ज़मीन घोटाले कांग्रेस सरकार ने करवाए हैं.
तो वही घर के बाहर जमा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह कार्रवाई भाजपा सरकार के इशारे पर राजनीति बदले के लिए की गई है। कार्यकर्ताओं ने भाजपा सरकार विरोधी नारेबाजी की और इस कार्रवाई को साजिश बताया. लेकिन कांग्रेस वो वक़्त भूल गयी जब गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी थे और मंत्री अमित शाह को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया था. जबकि कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दे दी है. कांग्रेस पहले CBI का इसी तरह गलत इस्तेमाल किया करती थी, और आज जब सीबीआई सबूतों के आधार पर कार्रवाई कर रही है तो वो बदले की कार्रवाई हो गयी.
ऐसे किया गया जमीन आवंटन में ‘खेल’
आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने 28 अगस्त 2005 को पद का दुरुपयोग करते हुए एजेएल को पंचकूला में जमीन का आवंटन बहाल किया। यह जमीन एजेएल को 30 अगस्त 1982 में आवंटित की गई थी। शर्त यह थी कि कंपनी छह महीने में जमीन पर कंस्ट्रक्शन करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो 30 अक्टूबर 1992 को पंचकूला के संपदा अधिकारी ने जमीन रिज्यूम कर ली। साथ ही 10 फीसदी राशि में कटौती कर बाकि राशि 10 नवंबर 1995 को लौटा दी गई। इसका एजेएल ने विरोध किया और राजस्व विभाग के पास अपील की। यहां भी एजेएल को राहत नहीं मिली.
आरोप है कि एजेएल को साल 2005 में हुड्डा के मुख्यमंत्रित्वकाल में बड़ी राहत उस समय मिल गई जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन होने के नाते तब के मुख्यमंत्री हुड्डा ने एजेएल को यह जमीन दोबारा से अलॉट करवाने का रास्ता तैयार कर दिया। बताया जाता है कि तब हुड्डा के तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने तर्क दिया था कि पुरानी कीमत पर जमीन को आवंटित करना संभव नहीं है। बावजूद 28 अगस्त 2005 को पंचकूला की जमीन 1982 की दर पर ही एजेएल को अलॉट हो गई.
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