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Thursday, 18 October 2018

हिंदू धर्म के लोकप्रिय तीर्थ स्थान से जुड़े हैं 6 अनसुने रहस्य, नवरात्रि पर पढ़िए अहम खबर

वैसे तो हिंदू धर्म के सभी तीर्थ स्थल की अपनी एक कहानी और कई रहस्य होते हैं मगर वैष्णों देवी की मान्यता ही कुछ और है. नवरात्रि के समय इस तीर्थस्थल पर भक्तों का तांता लगा रहता है और यहां पैर रखने की भी जगह नहीं मिल पाती. वैष्णों देवी का मंदिर सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है और कहते हैं कि यहां भक्त तभी जाते हैं जब माता वैष्णों का बुलावा आता है. उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थलों में एक वैष्णों देवी का नाम भी लिया जाता है. ये जम्मू और कश्मीर के 5200 फीट ऊंचाई पर पहाड़ों पर स्थित हैं. यहां हर साल लाखों तीर्थयात्री वैष्णों देवी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं. ऐसा इसलिए भी होता है कि इस जगह पर मां देवी की चमत्कारी शक्ति का वास है जो श्रद्धालुओं के दुख का हरण करने वाली जगदम्बे मां हैं. हिंदू धर्म के लोकप्रिय तीर्थ स्थान से जुड़े हैं 6 अनसुने रहस्य, इन रहस्यों को जानकर आप भी माता वैष्णों देवी की शक्ति को मान जाएंगे.

हिंदू धर्म के लोकप्रिय तीर्थ स्थान से जुड़े हैं 6 अनसुने रहस्य

मां वैष्णों का मंदिर ऐसे कई रहस्यों से भरे हैं जिनके बारे में श्रद्धालुओं ने ना कभी सुने होंगे और ना इसके बारे में जानते होंगे. तो चलिए अब हम आपको बताएंगे कि वैष्णों देवी से जुड़े ये रहस्य क्या हैं ?

1. कुछ सालों पहले वैष्णों देवी के मंदिर में उनके दर्शन के लिए मां के भक्तों को एक प्राचीन गुफा से होकर गुजरना जाना होता था. अब इस गुफा में नया रास्ता बनाया गया है और यह गुफा बहुत ही चमत्कारी होने के साथ-साथ रहस्यों से भरी हुई है.
2. वैष्णों देवी की इस प्राचीन गुफा के अंदर जैसे ही भक्त पहुंचते है तो वहां पर एक जल स्रोत भी मिलता है जिससे गुजरकर ही भक्तों को आगे की ओर जाना होता है. ये जल कहां से आता है और कैसे इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है. इस शुद्ध जल से होकर ही भक्त माता के दरबार तक पहुंचता है. इस जल से ही भक्तों के पाप धुलने लगते हैं और वो पवित्र हो जाता है.
3. मां वैष्णों देवी के दरबार तक पहुंचने के रास्ते में कई घाटी आती है, जिसमें बहुत से पड़ाव भी होते हैं और इन पड़ावों में एक आद‌ि कुंवारी (अर्ध कुंवारी) का पड़ाव भी आता है. इस रास्ते में आने वाली गुफा को गर्भजून के नाम से प्रसिद्धि मिली है, क्योंकि यहां पर मां जगदम्बा गर्भ में पल रहे शिशु के समान 9 महिने तक विराजमान थी.
4. जिस गुफा में मां भगवती रहती थी, उस गुफा की लंबाई लगभग 98 फीट के है. जहां पर अंदर और बाहर निकलने के लिए दो कृत्र‌िम रास्ते बनाए गए है. जिस जगह पर मां देवी विराजती हैं उस जगह पर एक बड़ा सा चबुतरा बनाया गया है.
5. गर्भजून गुफा के बारे लोगों की मान्यता है कि इस गुफा में जाने के बाद मनुष्य को फ‌िर दुबारा गर्भ में नहीं जाना होता है. अगर व्यक्ति गर्भ में आता भी है तो उसे किसी भी प्रकार के कष्टों को नहीं झेलना पड़ता और उसका आने वाला जीवन सुख और वैभव के साथ भरा रहता है.
6. मां वैष्णो देवी के दरबार की प्राचीन गुफा में आज भी भैरव का शरीर पड़ा हुआ है. भक्तों की ऐसी मान्यता है कि जिस समय मां भगवती ने इस प्राचीन गुफा में भैरव को अपने त्र‌िशूल से मारा था, उस वक्त उसका धड़ माता के भवन से तीन किलोमीटर दूर जा गिरा था, जहां पर आज एक भव्य भैरव नाथ का मंदिर है और उनके दर्शन के बिना माता वैष्णों की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती.


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